झांकर वजूद कि गहराईयों में ...,
वो बीते हर लम्हे कि परछाईयों में ...,
हासिल किया क्या मेने ....,
वो तेरी झूठी सच्चाईयों में ....!!
टूटते हर एक रिश्ते में ...,
वो रोते हुए मोहब्बत के फ़रिश्ते में ...,
हासिल किया क्या मेने ...,
हासिल किया क्या मेने ...,
कभी खुद से सवाल करना ...,
क़तरा- क़तरा किसी पर मरना ...,
के शायद मिल जाये जवाब तुझे भी ...,
हासिल किया क्या मेने ....,
तेरी मुझपर कि गयी अच्छाईयों में...!!!!
$almAn....
वो बीते हर लम्हे कि परछाईयों में ...,
हासिल किया क्या मेने ....,
वो तेरी झूठी सच्चाईयों में ....!!
टूटते हर एक रिश्ते में ...,
वो रोते हुए मोहब्बत के फ़रिश्ते में ...,
हासिल किया क्या मेने ...,
हासिल किया क्या मेने ...,
कभी खुद से सवाल करना ...,
क़तरा- क़तरा किसी पर मरना ...,
के शायद मिल जाये जवाब तुझे भी ...,
हासिल किया क्या मेने ....,
तेरी मुझपर कि गयी अच्छाईयों में...!!!!
$almAn....