Friday 17 January 2014

दिल करता है..!!

तेरी खुशबुयें औढ़ने को ये दिल करता है..,
सुर्खी तेरे लबों कि निचोड़ने को दिल करता है...,
खोजाने को हसीँ ज़ुल्फ़ों में तेरी तबियत होती है...,
तो कभी हर कसमों हर रस्मों को तोड़ने को दिल करता है..!!

ये दिल करता है मेरा के मैं खुद में मिला लूँ तुझे ...
रुख हवाओं का मोड़ने को दिल करता है...,
हाजतें तमाम लिए मुहब्बत कि तुमसे..,
आज सब कुछ छोड़ने को दिल करता है ...!!!!



                                                $almAn....

Monday 13 January 2014

कैसा नादाँ है तू बन्दे

है कैसा बेरहम वो ...,
या है मुझे वेहम वो...,
क्यूँ देता नहीं कोई इशारा वो...,
या रखता नहीं ज़रा सा रेहम वो...!!


अजीब सी कैफियत लिए ...,
वो ज़र्रे सी हैसियत लिए ...,
देख खुदका अमलनामा ...,
जाता है बार-बार सेहम वो...!!

फिर भी तक़दीर पे अपनी गुरूर बड़ा करता है ..,
कैसा नादाँ है तू बन्दे ख़ुदा से नहीं डरता है..,
है जब तक डौर छूटी हुयी इखट्टा करले नेकियां..,
के डौर खीचने 
के बाद कोई कुछ नहीं भरता है...!!!!


                                                 $almAn....