तेरी खुशबुयें औढ़ने को ये दिल करता है..,
सुर्खी तेरे लबों कि निचोड़ने को दिल करता है...,
खोजाने को हसीँ ज़ुल्फ़ों में तेरी तबियत होती है...,
तो कभी हर कसमों हर रस्मों को तोड़ने को दिल करता है..!!
ये दिल करता है मेरा के मैं खुद में मिला लूँ तुझे ...
रुख हवाओं का मोड़ने को दिल करता है...,
हाजतें तमाम लिए मुहब्बत कि तुमसे..,
आज सब कुछ छोड़ने को दिल करता है ...!!!!
$almAn....
सुर्खी तेरे लबों कि निचोड़ने को दिल करता है...,
खोजाने को हसीँ ज़ुल्फ़ों में तेरी तबियत होती है...,
तो कभी हर कसमों हर रस्मों को तोड़ने को दिल करता है..!!
ये दिल करता है मेरा के मैं खुद में मिला लूँ तुझे ...
रुख हवाओं का मोड़ने को दिल करता है...,
हाजतें तमाम लिए मुहब्बत कि तुमसे..,
आज सब कुछ छोड़ने को दिल करता है ...!!!!
$almAn....